वाईट वारियर्स
वाईट वारियर्स
इस कोरोना काल में......
जबकि छूना मना है ?
वे कोरोना योद्धा कर्मठता से
रोगियों को छूते जा रहे हैं ....
कोरोना पीड़ित लोगों को ...
महामारी से निजात दिला रहे हैं !
ये घोर विपरीत काल में ..
पीपीटी किट की ढाल में ..
लाखों करोड़ों पीड़ितों को ..
महामारी से बचा रहे हैं !
सचमुच आज के समय के
आदर्श हैं सेवा भाव और ..
समर्पित भाव से मानवता
वाद के धर्म की ध्वजा ..
को अपने जज़्बे से लहरा रहे हैं
कौन कहता है कि भगवान है नहीं
आज मानो ये हमें तो सफ़ेद
वर्दी में ईश्वर से नज़र आ रहे हैं !
कौन कहता है कि अभिनेता या
नेता ..होते हैं आदर्श ........
आज ये वाईट वारियर्स विश्व के
आदर्श बनते जा रहे हैं ......
जिस गन्दगी को देख कर ..
हम नज़रें फिरा रहे हैं ..
ये वाईट वारियर्स उस लार को
उस थूक को ..उस रक्त मज्जा ..
से आँखें मिला रहे हैं
जिस महामारी से हम दो ग़ज़ की
दूरी अपना रहे हैं .....
उस बीमारी के पीड़ितों को वह प्यार
से समझा रहे .......
जिस बीमारी से विश्व भी थर्रा गया..
उस महामारी को वाईट वारियर्स ने .....
कुछ हद तक काबू पा लिया है ,...
वैसे तो सब कर्म श्रेष्ठ हैं ...
पर सबसे बड़ा कर्म है किसी के
प्राण बचाना ....
इस कोरोना के कहर से वे अपने प्राण भी
जोखिम में डाल रहे हैं .....
विश्व पटल पर देखें तो ....कई डॉक्टर ..कई
नर्स ..कई स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी गवाईं जान
पर अपने कर्तव्य से मुंह न मोड़ा ....
और लगातार सेवाएँ देकर पीड़ितों की
बचाई जान .....
हे वाईट वारियर्स तुम्हें हम सबका हृदयतल से
प्रणाम