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Shailaja Bhattad

Drama

5.0  

Shailaja Bhattad

Drama

ऊंँ नमः शिवाय

ऊंँ नमः शिवाय

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ऊंँ नमः शिवाय

ऊंँ नमः शिवाय


खुदा हो या ईसा

सब तेरे नाम के ही पर्याय।


जब नब्ज न चले साँस भी रुके,

विश्वास की जोत से रुह मेरी सजे।


भय का न वास हो

जब तेरा साथ हो।


हर आशंका से

प्रभु मेरा मन दूर हो।


एक पुकार से

हर उलझन का द्वार खुले।


हर आहट पर प्रभु

तेरा ही साथ मिले।


हर कदम पर

सीखा दिया।


देव गुण से ही

जीवन बने उजला-उजला।


अंतर्मन टटोलते हैं

बस निष्पाप भाव चाहते हैं।


शिव है दुखी अभी,

पूजा से मिली नहीं संतृप्ति कभी।


मानव-मानव से प्रेम करे

बस प्रेम भाव चाहते हैं।


साधना के तप से

भक्ति में निखार चाहते हैं।


मन पावन हो तो

स्मित छवि बताना चाहते हैं।


दिव्य अनुभूति

देना चाहते हैं।


हर सवाल का है जवाब

ऊंँ नमः शिवाय।


हर प्रलय का तोड़ है

ऊंँ नमः शिवाय।


हर प्रतीक्षा का अंत है

ऊंँ नमः शिवाय।


दिव्यता का अहसास है

ऊंँ नमः शिवाय।।


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