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अच्युतं केशवं

Drama

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अच्युतं केशवं

Drama

ऊँची छत पर खड़ा एक नाटा सा

ऊँची छत पर खड़ा एक नाटा सा

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जिन्दगी की सड़क पर

ओर न छोर

अनवरत चलना

विश्रामहीन यात्रा।


चित्र विचित्र दृश्यावली

ऊँची छत पर खड़ा

एक नाटा सा आदमी

दूर एक पेड़ की शाखाओं पर

निढाल सा बैठा।


शुरुआती ठंड की सुबह का सूर्य

पेड़ पर सफेद मोर बगुले सारस

आकाश में उड़ते कुछ

कबूतर जैसे सफेद पक्षी।


उत्तर से दक्षिण

दक्षिण से उत्तर

कुछ पिचकी हुई फ़ुटबाल की तरह

आसमान में तैरता आधा चाँद।


दक्षिण दिशा में

एक घर से निकलता

गहरा काला धूंआ

दुर्घटना की आशंका से सहमे लोग।


कुछ सहायतार्थ भी पहुँचते

और घर के लोग कहते सुने गये

यहां सब ठीक

कुछ भी नहीं हुआ

कुछ भी तो नहीं।


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