उत्तराखंड व्यथा
उत्तराखंड व्यथा
पानी
कि जल ही तो जीवन है
कहावत ये पुरानी है, 2
बर्फ़ की सिल्लियां भी तो
थमा बरसों का पानी है ,
की कितना जोर है इसमें...
सभी बस्ती उड़ा डाली
मैं कहती हूं ये जल ना है
ये आदमखोर पानी है।
अड़ा ये खड़ा रहा ऊंचा
काया निर्मल सुहानी है, 2
वाह! कितना खूबसूरत ये
जमा बरसों का पानी है,
ये जल ही तो बना प्रलय
की झुठलाई कहानी है,
ये बिन खंजर का खूनी है
ये आदम खोर पानी है । 2
अभागे थे वो जो मिट गए
वे खुश थे की हां पानी है, 2
बहा ले गई धारा उसकी
ये नवनिर्मित कहानी है,
अश्रु सब बह गए उसमें
कहा सबने की पानी है,
मैं कहती हूं ये जल ना है
ये आदम खोर पानी है,
ये बिन खंजर का खूनी है
ये नवनिर्मित कहानी है,
सत्य सौ प्रतिशत अब ये
हां नवनिर्मित कहानी है
मै कहती हूं ये जल ना है
ये आदम खोर पानी है।। 2
