उसे भी कबूल हो जाए
उसे भी कबूल हो जाए
आज मिले हैं अरसो बाद
मेरे दिल की बात मेरे दिल में है
कह दूँ उसे या छुपा लूँ फिर से
दिल भी इसी मुश्किल में हैं।
जैसे-जैसे पास आ रहे हैं
दिल की बेचैनियों को बढ़ा रही है
बड़ी मुश्किलों से संभाला था खुद को
अब तो जान भी निकलती जा रही है।
ना जाने क्यों उससे इतना डरता हूं मैं
जो कहना चाहूं नहीं कहता हूं मैं
काश कोई खबर दे दे मुझे भी कि
उसके भी दिल में रहता हूं मैं।
नहीं चाहते तो उससे एक भूल हो जाए
दिलों की शंकाये सारी दूर हो जाए
मैं तो अपना बना चुका हूँ उसे बस
मेरा प्यार उसे भी कबूल हो जाए।