उस पार क्या है ?
उस पार क्या है ?
कर रहा है शोध मानव यह कि यह संसार क्या है,
दृश्य और अदृश्य, इस ब्रह्मांड के उस पार क्या है।
कोण कितने दृष्टि के हैं ज्ञान की कितनी दिशाएं,
सूक्ष्म की है व्याप्ति कितनी स्थूल का विस्तार क्या है।
और भी होंगीं कहीं ब्रह्मांड की गहराइयों में,
जीव-संस्कृति किंतु उनका रूप और प्रकार क्या है।
कल्पनाएं प्रेरणा बनकर नए जग ढूंढती हैं,
कल्पनाओं के लिए मत पूछिए आधार क्या है।
सोच जिनकी बहिर्मुख थी वे हुए विज्ञानवादी,
एकमत हैं कह रहे हैं सत्य व्यौरेवार क्या है।
सोच से अंतर्मुखी जो धर्म-दर्शन में उलझ,
भिन्न मति हैं कह रहे भगवान क्या अवतार क्या है।
परिचित कराता है रहस्यों से हमें विज्ञान ही,
तर्क पर तोलो बताओ धर्म का व्यवहार क्या है।