उनकी अदा है
उनकी अदा है
भींगी रेत पे नंगे पाँव चलना उनकी अदा है,
इक तितली की ख़ातिर मचलना उनकी अदा है !
लड़ने को तो तूफानों से वो लड़ सकती हैं मगर,
चूहे कॉक्रोचों से डरना उनकी अदा है !
हर इक बात पे हम से रूठे वो झल्लाये भी मगर,
यकायक ही सीने से फिर लिपटना उनकी अदा है !
दिल तो दुखता होगा ही पर सामने रोती हैं कहाँ,
भींचके सीने से तकिया सिसकना उनकी अदा है !
न पूछती हैं कभी वो न बताता हूँ मैं उनको,
दर्द मेरा चुपचाप समझ लेना उनकी अदा है !
हालात से जब होता हूँ परेशां तो झल्लाता हूँ मैं,
मुश्किल वक़्त आ जाए तो चहकना उनकी अदा है !

