STORYMIRROR

GOVIND RAKESH

Abstract

3.8  

GOVIND RAKESH

Abstract

सबसे पहले मुझे दिखा देना

सबसे पहले मुझे दिखा देना

1 min
216


सबसे पहले मुझे दिखा देना

फिर कहीं भी इसे छुपा देना।


गीत मैं भी तो गुनगुनाता हूँ

ये उसे भी ज़रा जता देना।


कुछ नहीं है अता पता उसका

ढूंढ पाओ अगर बता देना।


पा सके जिससे मंजिलें अपनी

राह वैसी उसे दिखा देना।


वो अभी भी ज़रा ख़फ़ा सी है

मिल के राकेश तुम हँसा देना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract