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GOVIND RAKESH

Tragedy

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GOVIND RAKESH

Tragedy

आँसुओं में डुबो गया

आँसुओं में डुबो गया

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आँसुओं  में  डुबो गया जैसे

तीर ख़ुद को चुभो गया जैसे।


भागने लग गये सभी देखो

आज क़त्ले आम हो गया जैसे।


भीड़ भी कम अभी इधर दिखती

आज ये शह्र खो गया जैसे।


हाक़िमो की ख़ता बता डाली

अब ये अखबार तो गया जैसे।


झूठ राकेश  ने कहा ही क्यों

लाज  इस बार धो गया जैसै।


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