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GOVIND RAKESH

Fantasy

3  

GOVIND RAKESH

Fantasy

सलाम आ जाता

सलाम आ जाता

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काश उनका सलाम आ जाता

चाहतों का पयाम आ जाता।


हर किसी को मिला करे सब कुछ

काश ऐसा निज़ाम आ जाता।


जिस क़दर मिल गई उन्हें मंज़िल

अब मिरा भी मुकाम आ जाता।


जो इशारा ज़रा कभी करते

आपका ये ग़ुलाम आ जाता।


महफ़िलों में मेरी धमक होती

काश मेरा कलाम आ जाता।


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