Former Market Secretary And Deputy Director(IT) inJharkhand Agricultural Marketing Service .At present Business and Writing as Gazalkar
आज कल बीमार हम हैं हो गयेे लाचार हम हैं। आज कल बीमार हम हैं हो गयेे लाचार हम हैं।
सोच कर हम बढ़ायें अपने क़दम बीच में लड़खड़ाना नहीं ठीक है। सोच कर हम बढ़ायें अपने क़दम बीच में लड़खड़ाना नहीं ठीक है।
मैं नहीं हाल अपना सुना भी सका वक़्त तो महज़ गुज़रा मुलाक़ात में मैं नहीं हाल अपना सुना भी सका वक़्त तो महज़ गुज़रा मुलाक़ात में
दिल में हलचल मची है चले आइये आप की ही कमी है चले आइये दिल में हलचल मची है चले आइये आप की ही कमी है चले आइये
महफ़िलों में मेरी धमक होती काश मेरा कलाम आ जाता। महफ़िलों में मेरी धमक होती काश मेरा कलाम आ जाता।
पा सके जिससे मंजिलें अपनी राह वैसी उसे दिखा देना। पा सके जिससे मंजिलें अपनी राह वैसी उसे दिखा देना।
झूठ राकेश ने कहा ही क्यों लाज इस बार धो गया जैसै। झूठ राकेश ने कहा ही क्यों लाज इस बार धो गया जैसै।
किस घड़ी उसका बुलावा आ चले फिर अभी से तो अकड़ना छोड़ दे। किस घड़ी उसका बुलावा आ चले फिर अभी से तो अकड़ना छोड़ दे।
चीख़ भी ज़ोर से नहीं पाया आह को भी दबा लिया होगा चीख़ भी ज़ोर से नहीं पाया आह को भी दबा लिया होगा