उम्मीद कम रखता हूँ
उम्मीद कम रखता हूँ
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तेरे सवालों का जवाब तो मैं भी रखता हूँ
पर रिश्तों को सुधारने में मैं ज्यादा यकीन करता हूँ
देने वाले को पता है कि मुझे दर्द मिला कितना है
उस दर्द के मरहम के लिए होंठों पे मुस्कान रखता हूँ
गिले - शिकवे तो दो रूप है रिश्तों का
इसलिए शिकायतों का पिटारा मैं कम रखता हूँ
बांटे दर्द का अगर उपहास उड़ाना काम है लोगों का
तो मैं फिर ग़मों को पीने में ज्यादा यकीन करता हूँ,
जो वादे जो सपने उन्
होंने पलकों पे सजाए है
बस उसे पूरा करने का ईमान रखता हूँ
खुशियों और ग़म का मिला रूप है ये जिंदगी
इसलिए कल की बेहतरी के लिए खुश रहता हूँ,
रिश्ते निभाना न निभाना भले है हमारे हाथों में
पर खोखले रिश्तों को तोड़ना जरूरी समझता हूँ
तेरे सवालों का जवाब तो मैं भी रखता हूँ
पर रिश्तों को सुधारने में मैं ज्यादा यकीन करता हूँ,
भावना, ज़ज्बात और विश्वास का जाल है जिंदगी
जिनसे दिल न मिले तो उनसे मैं दूरी रखता हूँ
हमदर्दी के नाम पर तोड़ना और छोड़ना काम है लोगों का
इसलिए लोगों से लगाव और उम्मीद मैं कम रखता हूँ.