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Gulabchand Patel

Drama Inspirational

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Gulabchand Patel

Drama Inspirational

तूफान

तूफान

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सागर में चाहे आये तूफान,

तब भी जीवन की नैया,

पार कर लूँगा मैं।


आपके साथ पाताल से,

गगन तक छा जाऊँगा मैं।


कुछ ऐसा कर दूँगा मैं,

मेरी याद न मिटे।


चाहे फूल जंगल का हो,

सुवास भर दूँगा मैं।


रेखाओं से बनाया है,

महल सपनों का,


यदि नसीब ने साथ न दिया,

तो सपने सच कर दूँगा मैं।


किस्मत कैद है मेरी बंद मुठ्ठी में,

दुनिया के सामने,

अपनी मुट्ठी खोल दूँगा मैं।


जिंदगी और बंदगी दोनों समझा नहीं,

मैं आपको खुश करने,

थोड़ी कोशिश कर लूँगा मैं।


थक जाये चाहे,

मेरी उंगलियाँ,

तब भी गिन न सकोगी,

इतने स्वप्न सज़ा दूँगा मैं।।


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