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मिली साहा

Romance

4.8  

मिली साहा

Romance

तू सुबह की चंचल चांँदनी

तू सुबह की चंचल चांँदनी

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उपवन में खिले फूलों सा चमकता है चेहरा तेरा,

कितना भी देख लूंँ तुझको, मन नहीं भरता मेरा।


एक पल भी तुझ से, ये दिल दूर ना जाना चाहे,

हर चेहरे से ख़ूबसूरत, जन्नत सम है चेहरा तेरा।


बंद पलकों में समा लूंँ तुझे, मैं ख़्वाबों की तरह,

ज़िन्दगी की हर राह में, तू ही तो हमसफ़र मेरा।


मन को रोशन कर जाए, तू सुबह की चंचल चांँदनी,

रिमझिम बारिश की बूंदों सा शीतल है एहसास तेरा।


सागर से गहरे नैन तुम्हारे, उनमें खो जाऊंँ दिन-रात,

तेरे प्यार की खुशबू से महकता, हर पल जीवन मेरा।


तेरे हुस्न के नूर से, मैं पल पल खिलूँ, नीलकमल सा,

सारा आसमां बाहों में लगे मेरे हाथों में जो हाथ तेरा।


तेरी धड़कनों से जोड़ देता है, मेरी धड़कनों के तार,

घने श्याम वर्ण केशों से वो झांँकता हुआ चेहरा तेरा।


तुम जो नज़रों से एक पल के लिए भी हो जाती दूर,

बिखरा हुआ सा लगता मेरी ही सांँसों से बन्धन मेरा।


यूँ ही सफ़र में साथ चलते रहना, थाम कर मेरा हाथ,

तेरी मोहब्बत के बिना, तो कुछ नहीं, अब वज़ूद मेरा।


तेरे लबों की मुस्कुराहट बन गई इन आंँखों की आदत,

मेरे रोम-रोम में शामिल है मोहब्बत भरा एहसास तेरा।


तू ही सवेरा, तुझसे ही ज़िन्दगी की शाम है सुकूनभरी

ख़ामोशी में भी, लफ़्ज़ों की खनखनाहट है, प्यार तेरा।



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