Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ravi Purohit

Drama

5.0  

Ravi Purohit

Drama

तू बटुए की खनकार

तू बटुए की खनकार

1 min
196


तू ही मन का नाद साथिया

तू ही राग मल्हार

तुझसे हुई गुफ्तगू देती

दिल को सुकून करार


तू ही पंचम, तू ही द्वैत है

तू ही मधुर विहार,

तू ही भैरवी, तू ही अमृता,

तू ही बसन्त बहार


तू हु मेरे मन की बांसुरी,

तू ही ह्रदय सितार,

तुझसे ही है तन में मन में,

जीवन की झंकार


तू ही धरती, तू ही अम्बर

तू ही मन्द बयार

तू ही अग्नि तू ही जल है

पंचभूत मेरा यार


तू ही है हाथों की मेहँदी

तू मस्तक सिन्दूर 

धकधक मेरी धड़कन तू है

तू ही मेरा नूर


तू ही मेरे चूड़ी कंगना,

तू ही हार सिंगार,

तू ही कजरा, तू ही बिंदिया,

तू सोलह सिंगार


तेरी खातिर सजना संवरना

तुझसे हर त्यौहार

तेरे नयन आइना बनकर,

पल पल रहे निहार


तू मेरे होठों की लाली

तू नयनो का कजरा

तू ही शर्म हया मेरी है

तू जूड़े का गजरा


मैं अगर हूँ पति का बटुआ

तुम बटुए की खनकार हो,

मैं नेह का आदि हूँ बस

तुम प्रीत विस्तार हो


अनगिन रातों की छाती पर

तुम वियोग के दस्तखत हो

आंसू बहती आँखों के

तुम अनपढ़े खत हो


सुनो साधना, सुनो कामना

तू जीवन का सार है

तू है तो सांसें हैं मेरी

वरना जीवन निस्सार है।


Rate this content
Log in