तू आ कर मुलाकात तो कर।
तू आ कर मुलाकात तो कर।
मैं ख्वाहिशों का उजाला हूं,
तू छीन कर मेरी खुशियां कभी रात तो कर।
मेरी खामोशी तुम्हें चीर के रख देंगी सन ,
आ कभी सामने तू बैठ जरा बात तो कर।
कब तलक यूं ही चलता रहेगा इल्ज़ामों का सिलसिला,
दे दे इल्जाम लेकिन आ के मुलाकात तो कर।
लोग अब जानते हैं मुझको तेरे नाम से,
तू भी नाम अपना जरा सा मेरे साथ तो कर।
मैं तो हूं कोई सुखी सी पथरीली जमीन,
वफा ना सही बेवफ़ाई की ही बरसात तो कर।