तुमसे लागी है मन की लगन
तुमसे लागी है मन की लगन


तुमसे लागी है मन की लगन, इश्क के आसमान तक,
तुमसे है रूह का बंधन, सांसों के बयां तक।
तुमसे जीवन बांध लिया है, धूप और बरसात तक,
तुम ही तुम हो मेरे दिन में, तुम ही तुम रातों तक।
तुम ही हो मेरे दर्द में, तुम ही हो मेरी राहत तक,
तुमसे है सुकून का रिश्ता, ख्वाबों और हकीकत तक।
ऐसे ही बांध के रखना मुझको, अपनी प्रीत के धागों तक,
तुम ही तुम हो जब मैं जागूँ,
तुम ही तुम ख्वाबों तक।
तुमसे लागी है मन की लगन, इश्क के आसमान तक,
तुमसे है रूह का बंधन, सांसों के बयां तक
तुम ही हो मेरे गीतों में, तुम ही हर जज्बातों तक ।