तू ही ख्वाबों में, तू ही सवेरा है
तू ही मेरे दिल का सबसे गहरा बसेरा है।
तेरे बिना सब अधूरा लगे,
जैसे रूह से जिस्म जुदा हो गए।
तेरी हँसी में सुकून बसता है,
तेरी चुप्पी में भी प्यार दिखता है।
मैं लफ्ज़ों में ना कह सकूं शायद,
पर तू हर धड़कन में रहता है।
तेरे साथ चलूं तो राहें भी हँसने लगे,
तेरे बिना ये शामें भी रोने लगे।
तू पास रहे तो खुदा भी लगे करीब,
वरना हर दुआ अधूरी लगे।
मैं तुझमें गुम हो जाऊं कभी,
जैसे बारिश में भीग जाए ज़मीं।
तू मेरा आज भी है, तू मेरा कल भी,
तू ही मेरी मोहब्बत की असली वजह भी।
अगर चाहो तो मैं इसी कविता को और बड़ा या गहरा भी बना सकता हूँ, या इसमें आपकी कोई लाइनें जोड़ सकता हूँ।
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