STORYMIRROR

Satyawati Maurya

Romance

3  

Satyawati Maurya

Romance

तुमने तो इश्क़ किया है,,,

तुमने तो इश्क़ किया है,,,

1 min
289

आज भी दुप्पटे को उंगलियों में लपेटती

लड़कियों की अदा तुम्हें भाती है क्या ?

या उनकी तिरछी निगाह

तुम्हारी जान मारती है क्या ?

हौले से छू जाने से उसका बदन

तुम्हारे तन -मन में बिजलियाँ कौंधती हैं क्या ?


या के 'हाय' के साथ शुरू हुआ ये रिश्ता

'बाय' के साथ ख़त्म हो जाता है क्या ?

ग़र हाँ तो ये सब हरक़त भी 

इश्क़ के जहां में होती है क्या ?

सुन्दर से उसी चेहरे को 'इन्कार' करने पर

तेज़ाब फेंकना या ख़ुदकुशी की जाती है क्या ?


इस ज़माने में मुहब्बत की

कैसे ये तासीर बदल गई ?

जिसे चाहा दिलो-जान से था कभी

उसी 'जान' की 'जान'

इतनी आसानी से ले ली जाती है क्या ?

इश्क मुहब्बत हासिल हो तो हंसी -ख़ुशी

न हो हासिल तो दिल में रख जीना सीखो।

तुमने तो इश्क़ किया है

ये भी साबित हो तो कभी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance