तुमने तो इश्क़ किया है,,,
तुमने तो इश्क़ किया है,,,
आज भी दुप्पटे को उंगलियों में लपेटती
लड़कियों की अदा तुम्हें भाती है क्या ?
या उनकी तिरछी निगाह
तुम्हारी जान मारती है क्या ?
हौले से छू जाने से उसका बदन
तुम्हारे तन -मन में बिजलियाँ कौंधती हैं क्या ?
या के 'हाय' के साथ शुरू हुआ ये रिश्ता
'बाय' के साथ ख़त्म हो जाता है क्या ?
ग़र हाँ तो ये सब हरक़त भी
इश्क़ के जहां में होती है क्या ?
सुन्दर से उसी चेहरे को 'इन्कार' करने पर
तेज़ाब फेंकना या ख़ुदकुशी की जाती है क्या ?
इस ज़माने में मुहब्बत की
कैसे ये तासीर बदल गई ?
जिसे चाहा दिलो-जान से था कभी
उसी 'जान' की 'जान'
इतनी आसानी से ले ली जाती है क्या ?
इश्क मुहब्बत हासिल हो तो हंसी -ख़ुशी
न हो हासिल तो दिल में रख जीना सीखो।
तुमने तो इश्क़ किया है
ये भी साबित हो तो कभी।

