तुमने कहा था
तुमने कहा था
तुम्हें याद हो शायद,
तुमने ये कहा था,
हम कहीं भी रहे
किसी भी हाल में रहे,
जीवन की राह में हम
यूँ ही कहीं चलते चलते
ही सही,
एक ना एक दिन हम
मिलेंगे जरूर I
इस जहाँ में कहीं
किसी कोने में सही
हम कभी भूलेंगे नहीं,
बरसो बाद ही सही,
जीवन की राह में हम
यूं ही कहीं चलते चलते
ही सही,
एक ना एक दिन हम
मिलेंगे जरूर I
ये जो खामोशियों को तुम
छोड़ गयी थीं मेरे सहारे,
आज वही है मेरे जीवन
कि सच्ची बहारें,
जो दिलाती है मुझे
तुम्हारे आस पास
होने का एहसास,
मैं जनता हूँ कि
तुम हो मेरे आस पास
ही कहीं,
मेरा हाल चाल पूछने
मैं कैसा हूँ
किस हाल में हूँ
मैं खैरियत से हूँ
या जिन्दा हूँ I
तुम तो जानती हो
कि तुम ही तो हो
मेरे जीने कि एक
वजह हो ,
राह कहीं भटक भी जाये
दुनिया कि भीड़ में कहीं
खो भी जाये,
ना हम कभी भूलें थे
ना हम भूल पाएंगे कभी,
हालात कुछ भी हो गर,
जीवन की राह में हम
यूं ही चलते चलते ही सही
एक ना एक दिन हम
मिलेंगे जरूर I