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ARVIND KUMAR SINGH

Romance

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ARVIND KUMAR SINGH

Romance

तुम्‍हें लेने आया हूँ

तुम्‍हें लेने आया हूँ

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तुम हो आखिर मेरे

भले ही मुझसे रुठे हो

छोड़ के मुझको चले गये

पर दिल से न छूटे हो

तुमने तो पहले ही

मैं कितना तरसाया हूँ

चलो न यारो चल भी दो

मैं तुमको लेने आया हूं

 

तुम ही सोचो अपने

वादे पर कितने झूठे हो

दोनों ही की थी गलती

फिर क्‍यों मुझसे रुठे हो

तुम्‍हारे बिना एक पल भी

मैं सो नहीं पाया हूँ

चलो न यारो चल भी दो

मैं तुमको लेने आया हूं

 

वादा भी किया था तुमने

जीवन भर साथ निभाने का

दो जिस्‍मों के बीच गाना

एक ही दिल के गाने का

वादा निभाओ तुम अपना

मैं अपनी कसमें लाया हूँ

चलो न यार चल भी दो

मैं तुमको लेने आया हूँ


ऐसी तो कोई खता न मेरी है

जो तुम मुझको यूूं तड़पाते हो

तुमने तो कहा था जान मुझे

फिर क्‍यों छोड़ के जाते हो

जाने न दुंगा जान तुम्‍हें

मैं ये अब सोच के आया हूँ

चलो न यारो चल भी दो

मैं तुमको लेने आया हूँ



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