तुम्हे जाना है फिर चले जाओ
तुम्हे जाना है फिर चले जाओ
कुछ बासी सी कुछ ताज़ी सी
रातों की पूरनमासी सी
अपनी इन यादों को भरकर
आओ और साथ में ले जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
तस्वीरों के गुलदस्तों को
तेरी राह तके उन रस्तों को
मेरा क्या है सबकुछ तेरा है
इन सबको आग लगा जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
मेरी नींदों को, मेरे ख़्वाबों को
रातों में जगती आंखों को
जो इंतज़ार करती रहती
उसे चैन की नींद सुला जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
तुझ पर लिखी तारीफ़ों को
ख़त में लिखे हरूफों को
उसको भी जुदा मुझसे करके
जो दिल में हो वो कह जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
माना कि तुझसे ग़ाफ़िल हैं
तेरे प्यार के हम नाक़ाबिल हैं
पर दिल का क्या वो नादां है
झूठा ही दिलासा दे जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
सच बोलो क्या तुम जाओगे
दिल को कैसे समझाओगे
गर हम न हुए तो कौन कहेगा
बस 5 मिनट तुम रुक जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...
जिस्मों से अलग हो जाओगे
क्या रूह अलग कर पाओगे
इस रूह को भी दिल से मेरे
आओ और खींच के ले जाओ
तुम्हे जाना है, फिर चले जाओ...

