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इक धरा को सींचने की है तमन्ना तुमको यूं सींचते हो खून से ये किस तरह की धुन चढ़ी. इक धरा को सींचने की है तमन्ना तुमको यूं सींचते हो खून से ये किस तरह की धुन चढ़...
सदियों से भुलाया हुआ दस्तूर चल पड़ा मज़दूर चल पड़ा है, मज़दूर चल पड़ा। सदियों से भुलाया हुआ दस्तूर चल पड़ा मज़दूर चल पड़ा है, मज़दूर चल पड़ा।
जिसने उनको ही माना था सबकुछ मगर बेसहारा हुआ ये अलग बात है जिसने उनको ही माना था सबकुछ मगर बेसहारा हुआ ये अलग बात है
क्योंकि भारत में अब भी चलता लोकतंत्र है... लोकतंत्र है। क्योंकि भारत में अब भी चलता लोकतंत्र है... लोकतंत्र है।
ये वही रात है, और वही दिसंबर है बस वही याद रहा जिसको हम भुलाते रहे। ये वही रात है, और वही दिसंबर है बस वही याद रहा जिसको हम भुलाते रहे।
क्या रूह अलग कर पाओगे क्या रूह अलग कर पाओगे
लड़ो हक़ के लिए... लड़ो हक़ के लिए...
बस तू ही तू... बस तू ही तू...
ये इश्क़ न जाने क्यों बेताब सा दिखता है खुशबू कोई भी हो फूल गुलाब सा दिखता है... ये इश्क़ न जाने क्यों बेताब सा दिखता है खुशबू कोई भी हो फूल गुलाब सा दिखता है...