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ये इश्क़ नही आसाँ

ये इश्क़ नही आसाँ

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चेहरे पर हंसी दिल में तूफ़ान सा दिखता है

इस शहर में हर शख्स़ परेशान सा दिखता है

 

वादा तो कर रहा है वो तुमसे वफाओं का

अफ़सोस खुद से ही वो अनजान सा दिखता है

 

बड़े शौक से निकले थे मुहब्बत की राहों में

चल पड़े हैं तो अब ये अज़ाब सा दिखता है

 

मेरे चेहरे की ख़ामोशी को तुम समझ न सके

जो दिल में झाँका होता तो ये सैलाब सा दिखता है

 

ये वो शमा है जो आंधियों से और भड़कती है

यहाँ जुगनू को भी जो छेड़ा तो वो आफ़ताब सा दिखता है<

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मोहब्बत भी करो और सज़ा भी ना मिले

ऐसा मौका महज ख्व़ाब में दिखता है

 

मेरे हालात को देख उसने फैसला कर दिया

मगर वो नादां मेरे हौसले से अनजान सा दिखता है

 

राहे इश्क़ में सबकी यही हालत हुई

जो फसा इसमें वो कलमकार सा दिखता है

 

वादे जफ़ा-वफ़ा ये बातें पुरानी हो गयी

इश्क़ अब कोई बिकता हुआ बाज़ार सा दिखता है

 

मैं क्यों बयां करू दिल के हालत तुमसे

जो पढ़ सको तो मेरा चेहरा कोई किताब सा दिखता है


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