तुम्हारी याद
तुम्हारी याद
दिल ने दिल से जो कही
वो बात बहुत याद आती है,
तन्हा तन्हा बीत गई जो
वो रात बहुत याद आती है।
शनै शनै आशंकित मन से
तेरा मेरे पास आ जाना,
कभी कहना खुलकर कभी
धीरे से कान में कह जाना,
सच कहती हूं तेरी कही
हर बात बहुत याद आती है।
बैठ साथ में घंटों तक वो
तारों को गिनना गिनाना,
कभी कहानी सप्तऋषि की
कभी ध्रुव तारे की कथा सुनाना,
कैसे कहूं अब तुमसे मैं
वो कथा बहुत याद आती है।
छोटी-छोटी बातों पर वो
मुझसे तेरा रूठ जाना,
कभी लड़ना संग मेरे
कभी झट से तेरा मान जाना,
रूठने मनाने की तुम्हारी
वो अदा बहुत याद आती है।
वह हंसी ठिठोली हम दोनों की
आज मुझे तड़पाती है,
जब भी करती हूं याद तुझे मैं
मन आंख मेरी भर जाती है,
कैसे कहूं बीत रहे दिन मेरे
रैना बहुत तड़पाती है।।

