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S Ram Verma

Romance

4  

S Ram Verma

Romance

तुम्हारे पास चला आता हूँ !

तुम्हारे पास चला आता हूँ !

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तुमसे दूर जाने की बहुत सी

वजहें थी मेरे पास और बहुत

सी वजहें आज भी है मेरे पास।


पर जब भी पहले प्यार का जिक्र

होता है , तब तुम मुझे इस कदर 

याद आती हो कि सब-कुछ भुलाकर 

मैं दौड़ा-दौड़ा तुम्हारे पास चला 

आता हूँ।


तुमसे दूर जाने की बहुत सी

वजहें थी मेरे पास और बहुत

सी वजहें आज भी है मेरे पास।


पर जब भी पहले प्यार पर लिखी

लिखी खुद कि कविता अकेले में

गुनगुनाता हूँ , मैं तब तुम मुझे इस 

कदर याद आती हो कि सब-कुछ 

भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा तुम्हारे पास 

चला आता हूँ।


तुमसे दूर जाने की बहुत सी

वजहें थी मेरे पास और बहुत

सी वजहें आज भी है मेरे पास।


पर जब जब निहारा खुद को

आईने में मैंने तब-तब मेरी आँखों 

में छाया तुम्हारा वज़ूद देखकर , तुम 

मुझे इस कदर याद आती हो की 

सब-कुछ भुलाकर मैं दौड़ा-दौड़ा

तुम्हारे पास चला आता हूँ।


तुमसे दूर जाने की बहुत सी

वजहें थी मेरे पास और बहुत

सी वजहें आज भी है मेरे पास।


पर जब भी सोचा तुम्हारी वीरानियों 

के बारे में तब तुम मुझे इस कदर याद 

आती हो की सब-कुछ भुलाकर मैं 

दौड़ा-दौड़ा तुम्हारे पास चला 

आता हूँ !


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