“जीवन साथी”
“जीवन साथी”
तुम्हारे बिना मेरा गुजारा नहीं है ,तुझे छोडकर मैं अब जाऊँ कहाँ ?
दूर ही रहकर जो तुमको देखा ,मुझको तेरे बिन न भाए यहाँ !!
करो कुछ यतन मिलते रहें हम,नए गीतों की रचना करें हम !
संगीत का हो संगम यहाँ पर ,नयी धुन से ही जुड़ते रहें हम !!
तुझे छोड के मेरी रचना अधूरी ,सुंदर सा संगीत मैं पाऊँ कहाँ ?
दूर ही रहकर जो तुमको देखा,मुझको तेरे बिन न भाए यहाँ ………
तुम्हें पाके मुझे सबकुछ मिला,दिल में प्यार का फूल खिला!
जीवन में खुश रहना है मुझको,नये प्यार का सिलसिला मिला!!
इस पल को कोई कैसे भुलाए ,इसे छोड कर अब जाऊँ कहाँ ?
दूर ही रहकर जो तुमको देखा,मुझको तेरे बिन न भाए यहाँ !!
करो आज वादा हम साथ होंगे ,जनम जनम तक नहीं बिछुड़ेंगे !
आए कोई भी हम पे मुसीबत ,नहीं गम है कोई मिलके लड़ेंगे !
जन्नत मिली तेरे साथ रहके, ऐसी जगह आखिर पाऊँ कहाँ ?
दूर ही रहकर जो तुमको देखा ,मुझको तेरे बिन न भाए यहाँ !!
तुम्हारे बिना मेरा गुजारा नहीं है, तुझे छोडकर मैं अब जाऊँ कहाँ ?
दूर ही रहकर जो तुमको देखा, मुझको तेरे बिन न भाए यहाँ !!