बेइंतहा मोहब्बत
बेइंतहा मोहब्बत
तुम मुझे छोड़ के अगले मोड़ गई हो,
जाते जाते अपने पैरों की धूल छोड़ गई हो।
उस धूल को मैं हमेशा दिल से लगा के रखूंगा,
मैं सारी उम्र तुमसे, बेइंतेहा मोहब्बत करूंगा।।
तुम्हारी ख्वाहिश रहेगी सदा, बस जिंदगी बेजार ना हो,
तू खुश रहना हमेशा, कभी तुझे मेरा इंतज़ार ना हो।
तेरी याद में शायद, मैं हर दिन थोड़ा मरूंगा,
मैं सारी उम्र तुमसे, बेइंतेहा मोहब्बत करूंगा।।
कभी कहीं दिख अगर जाऊं, तो अनदेखा कर देना,
तुम्हारे मेरे बीच जो दूरी है, उसकी रेखा पढ़ लेना।
मैं तुम्हें इस पार से, हमेशा निहारता रहूंगा,
मैं सारी उम्र तुमसे, बेइंतेहा मोहब्बत करूंगा।।
तुमने मुझे जाने दिया, मैं भी अलविदा कहता हूं,
शायद अभी भी तुम्हारे दिल में, कहीं छुप के रहता हूं।
मुझे तुमसे प्यार नहीं है, हर दिन खुद से कहूंगा,
तुम बस इतना याद रखना,
मैं सारी उम्र तुमसे, बेइंतेहा मोहब्बत करूंगा।।