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Amit Nigam

Romance

4  

Amit Nigam

Romance

दूरियां और नजदीकियां

दूरियां और नजदीकियां

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हम दोनों में कुछ भी समान नहीं है,

मतलब यह नहीं की मुझे तुम्हारा ध्यान नहीं है।

अकेले ज़रूर हैं, यह बात पता है,

मगर इस अकेलेपन में भी कुछ वीरान नहीं है।


मुझे तुम्हारी मजबूरियां पता हैं,

हमारे दरमियान जो दूरियां हैं, पता है।

हम दोनों के रास्ते अनजाने में मिले,

इस में न मेरी, ना तुम्हारी खता है।।


हम दोनों टकरा गए, कहीं कुछ तो बात थी,

जब हम पहली बार मिले, वो पूरे चांद की रात थी।

पहले शायद लगा हो कि हमने तकदीर को मात दी है,

उस रात के बाद समझ आया, किस्मत ने हमें मात दी।।


तुमसे मिला तो समझ आया कि प्यार के बिना भी प्यार है,

यारी तो हो ना सकी, पर कहीं न कहीं तू मेरा यार है।

तुझसे ना शिकवा, ना गिला, ना उम्मीद रहेगी,

मगर इतना जान ले, तेरे होने से जिंदगी गुलज़ार है।।



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