Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Laxmi Tyagi

Romance Others

4  

Laxmi Tyagi

Romance Others

रंग डालो

रंग डालो

1 min
5


उसके रक्तिम कपोल! शर्म से इस क़दर रक्ताभ हुए। 

कैसे लगाऊं?रंग उस गोरी को........ 

सौंदर्य से उसके ,सभी वर्ण फीके हुए । 

होली कैसे खेलूं ? सखी री !

रंग पुष्पों सा, रूप देख उसका पुष्प भी लज्जित हुए। 

महक चंदन सी ,तन कंचन उसका, 

पीत वसन में गौर तन, कैसे मलूँ गुलाल ?

लाल -पीली हो रही वो.......... !

किस विध अपने रंग रंगू , पूछे नन्दलाल !  

स्नेह वर्ण संग रंग डालो ! इसके वर्ण हजार ,

भांग पी , ले...... ' शिव शंभू' का नाम, 

अंग -अंग को रंग डालो !हस्त ले, स्नेह गुलाल !

सर्वत्र प्रेम ही प्रेम बरसे ऐसी हो, प्रेम की बरसात !

बरसाने की गोपियाँ स्मरण करें,होली की हर रात ! 

प्रकृति की छटा देखो ! उसके ही अपने रंग,

धानी चुनर को भी रंग डाला,कान्हा ने अपने प्रेम संग।

राधा संग नाचती -गाती गोपियाँ रंग गयीं ,कान्हा के रंग ! 

प्रफुल्लित हर माधव हो, प्रसन्नचित्त हो ,हर मन !

फागुन का ऐसा उड़ा ग़ुलाल !

कलुषित मन भी रंग गए ,करे कोई कैसे विचार ?

रंग डालो !हर तन को ,धूमधाम से मनाओ !यह त्यौहार !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance