खूबसूरती से इश्क़
खूबसूरती से इश्क़


आओ ज़रा मेरे नज़दीक आज ,
थोड़ी सी तेरे-मेरे बीच आशिक़ी हो जाए
तुम धुन बनो , मैं साज़ बनूँ ,
थोड़ा संगीत तो थोड़ा सा डांस भी हो जाए...!!
कभी हौले से रात को ,
मेरे दिल में आकर तो देखो ...
एक महफिल सजी होती है
और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है...!!
मैं किन लफ्जों में बयां करुं ,
ये तुम्हारी " खूबसूरती से इश्क़ " को
नूर का झरना भी तुम
और इश्क़ का दरिया भी तुम हो...!!
मेरी जिंदगी की तू नूर है,
मेरे प्यार की तू ही गुरुर है
तेरे बिन कुछ भी नही ,
मेरे दिल की तू धड़कन है...!!