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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Romance Inspirational

खूबसूरती से इश्क़

खूबसूरती से इश्क़

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आओ ज़रा मेरे नज़दीक आज ,

थोड़ी सी तेरे-मेरे बीच आशिक़ी हो जाए

तुम धुन बनो , मैं साज़ बनूँ ,

थोड़ा संगीत तो थोड़ा सा डांस भी हो जाए...!!


कभी हौले से रात को , 

मेरे दिल में आकर तो देखो ...

एक महफिल सजी होती है 

और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है...!!


मैं किन लफ्जों में बयां करुं ,

 ये तुम्हारी " खूबसूरती से इश्क़ " को 

नूर का झरना भी तुम 

और इश्क़ का दरिया भी तुम हो...!!


मेरी जिंदगी की तू नूर है,

 मेरे प्यार की तू ही गुरुर है

तेरे बिन कुछ भी नही ,

 मेरे दिल की तू धड़कन है...!!


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