एक सफ़र मेरे साथ
एक सफ़र मेरे साथ
एक सफ़र तो मेरे साथ करना है तुम्हें,
एक सफ़र को मेरा हमसफ़र बनना है तुम्हें,
मेरे घर से शुरू करेंगे तुम्हारे घर तक चलेंगे,
मंजिल आने पर फिर से नई पारी शुरू करेंगे।
शहर यूं तो कई हैं, सनम घूमने के लिए,
बंधन यूं तो कई हैं, सनम बंधने के लिए,
तुम मेरे शहर को प्यार करो,
मैं तुम्हारे शहर को प्यार करूं,
तुम मुझ पर मेरे यार मरो,
मैं तुम पे जान कुर्बान करूं।
तुमने कहा तुम पे कविता लिखूं,
मेरा मन था तुम पर शोध करूं,
तुम सदा मेरे साथ चलो,
मैं जब भी जहां भी जिधर चलूं।
जब भी कहोगी टिकट कटा लेंगे,
फिर बांहों में तुम्हें छुपा लेंगे,
आओगी जब भी मेरे शहर,
अपनी पलकें स्वागत में बिछा देंगे।

