तू
तू
"तू क्या है मेरे लिए, ये तुझे ना कभी पता चलेगा और ना ही तू समझ सकता है।"
तू समझता है कि तू मेरे दिल को जानता है? नहीं, तू बस वही देखता है जो सामने है।
पर जो एहसास, जो दर्द, जो मोहब्बत दिल के अंदर धड़कती है, उसे समझने की काबिलीयत तुझमें नहीं है।
तू मेरे लिए क्या मायने रखता है, ये कभी तुझे महसूस नहीं होगा।
क्यूंकि जिस गहराई से मैं तुझे देखती हूं, उस गहराई तक तेरी नज़रें कभी नहीं पहुंच सकतीं।
तू बस अपने मतलब से रिश्ते तोलता है, पर इस दिल की कीमत तुझसे नहीं आंकी जा सकती।
तू मेरा हर जज़्बा समझने के काबिल ही नहीं है, क्यूंकि इश्क़ सिर्फ़ महसूस करने का नहीं, उसमें खो जाने का नाम है।
और तू तो बस किनारे पर खड़ा देखता रहा, कभी डूबने की हिम्मत ही नहीं की।
तो हां, तू क्या है मेरे लिए, ये तुझसे कहना बेकार है, क्यूंकि ये समझना तेरे बस की बात नहीं।

