तुम मेरी सोलमेट
तुम मेरी सोलमेट
तुम मेरी सोलमेट
तुम्हीं मेरा अहसास
तुम्हीं एक मासूम- सी ख्वाहिश
तम्हारे मिलने की खुशी में
ख्वाब मेरा कोई मचलता है
मेरे दिल की किताब में
गुलाब -सा तुझे सजाया
मेरी हर याद में तुझे ही बसाया
मेरी धड़कन
तेरे दिल की रवानी बन जाये
हर शब्द की पंक्तियां
हमारी कहानी बन जाये
दर्द जब चाहत का
हद से गुजरता है
तन्हा दिल जब भी सँवरता है
तू मेरी है
इसी संजीदा खुशी में
खुशनुमा हर पल गुजरता है
तुझे अपना हमसफ़र बनाया
सोलमेट बनकर भी
मेरी हर खुशी गम में भी
तुमने पूरा साथ निभाया
'लाइफ मेट' बन ना पाए तो क्या
'सोलमेट' बन कर भी
दिल से, समर्पण से रिश्ता निभाया।
