तुम ले गए हो संग अपने
तुम ले गए हो संग अपने
सूना सूना पन है इन अंखियों में
दूर हो चुकी मैं सब सखियों से
ताकती रहती हैं तुमको निगाहें
सींच कर आंसू फैलाकर बांहें
जाने क्यों तुमसे ही है अब मन के हर सपने
अपनी तो हर खुशी तुम ले गए हो संग अपने I
जीवन जीना तेरे अनुरूप बदला
जीवन के चाह का स्वरूप बदला
जंचता नहीं है कोई मन लाख हम लगाएं
तेरे बगैर साथी है हर पल गम के ही साये
अब कहाँ लगाएं दिल को तुम नजर आए सब में
अपनी तो हर खुशी तुम ले गए हो संग अपने I

