STORYMIRROR

Kanchan Jharkhande

Tragedy Action Inspirational

4  

Kanchan Jharkhande

Tragedy Action Inspirational

तुम ख़ुद जागो पहले

तुम ख़ुद जागो पहले

1 min
40


तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो


जिंदगी कोई दौड़ नहीं 

संघर्ष है बहुत कुछ सीख जाने का

कोई टूट गया हो भीतर से

तो ये वक़्त है साथ निभाने का

मैं दोस्त ही हूँ कोई दुश्मन नहीं 

मेरी काबिलियत से क्यूँ चीड़ जाते हो

अरे तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो


वक़्त कहीं मोहताज़ नहीं 

आज तेरा है कल मेरा है

मुँह पर मीठी शक्कर हो तुम

और दिलों पर साजिशों का पहरा है

न हार हुई न जीत हुई 

तुम फ़िजूल ही मुझें आज़माते हो

अरे तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो


माना कि मैं निराश हूँ

देखों फिर भी मन में आशा है

न जीत सका है अबतक कोई सत्य से

मुझें तो केवल सीखने की जिज्ञासा है

मुझें गिराने की ख़ातिर तुम ख़ुद को ही गिराते हो

राई भर की बात को पहाड़ जितना कर जाते हो

अरे तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy