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Kanchan Jharkhande

Romance Tragedy

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Kanchan Jharkhande

Romance Tragedy

कतरा

कतरा

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मैं नहीं चाहती कि इस दफ़ा

नाराजगी की वजह मेरा नाम आये....

और तुम्हारे जहन में फ़िर

कोई सवाल आये...

चलो इस तरह तुम्हारी 

तकलीफों को कम करते हैं...

दोस्ती का सिलसिला...

यहीं पे खतम करते हैं...

सच कहूँ तो तेरा दूर जाना 

बड़ा तक़लीफ़ देता है...

यादों के सहारे 

जीना भी क्या जीना है...

हम तो इतने डूबे थे इश्क़ में

की गलतियों की जांच तक न की

कौन सही कौन गलत की 

पहचान तक न की

मैं नहीं चाहती कि तुझपे 

कोई इल्जाम आये...

और तुम्हारे जहन में फ़िर

कोई सवाल आये..।


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