जब पत्तियां थीं, फूल थे पर सिर्फ मैं नही था तुम्हारी नोटबुक में चकित, विस्मित दरीचों की ओट से पढ... जब पत्तियां थीं, फूल थे पर सिर्फ मैं नही था तुम्हारी नोटबुक में चकित, विस्मित...
"ज़रूरी नहीं सब पलों को रिश्तों में कैद करना कुछ पल खुली हवा में जीते हैं ! "ज़रूरी नहीं सब पलों को रिश्तों में कैद करना कुछ पल खुली हवा में जीते हैं !
कज़ा रोज़ा न हो ये सोचती है समय वो शाम बेहतर सोचती है। कज़ा रोज़ा न हो ये सोचती है समय वो शाम बेहतर सोचती है।
मैं नहीं चाहती कि इस दफ़ा नाराजगी की वजह मेरा नाम आये.... मैं नहीं चाहती कि इस दफ़ा नाराजगी की वजह मेरा नाम आये....