तुम जाने का नाम न लो
तुम जाने का नाम न लो
चाहता हूँ तुमको अपनी जान से ज़्यादा,
मानता हूँ तुमको अपने रब से ज़्यादा।
थ|म लो मेरा हाथ, बन जाओ मेरी बंदगी
बस, तुम जाने का नाम न लो।
खुशियों से भर दूँगा दामन तुम्हारा,
छोडूँगा कभी न हाथ तुम्हारा।
अभी तो आया है वक़्त महफिलें सजाने का
बस, तुम जाने का नाम न लो।
तुम्हारे सारे गम को अपना बना लूँगा,
होठों को तुम्हारे हमेशा मुस्कुराहट ही दूँगा।
वादा किया है साथ जीने का- निभाऊँगा हर कसम
बस, तुम जाने का नाम न लो।।

