ज़िन्दगी से ज़्यादा
ज़िन्दगी से ज़्यादा
तुम किसी को भी चाहो, मर्ज़ी है तुम्हारी
फिर भी तुम्हारे पास, एक अर्ज़ी है हमारी
बेइंतहा चाहते है तुझे, तुम समझ नहीं पाई
एक मौका तो दे दो, देख लो चाहत हमारी...
कितनी भी तुम गलती करो, संभाल लेंगे हम
कोई अगर दुख पहुॅंचाए तो तुम्हें संभाल लेंगे हम
मेरी किस्मत में हो या नहीं वो तो तुम ही जानो
पर ज़िंदा है जब तक, तुम्हारे सारे गम लेंगे हम ...
समझते है हम तुमको, तुमसे भी ज़्यादा
प्यार करते है हम तुमको, दुनिया से भी ज़्यादा
बनो ना मेरी कभी तुम, अब वो गम नहीं
यादे है तेरी मेरे पास, इस ज़िन्दगी से ज़्यादा...

