STORYMIRROR

Vishal Shukla

Romance

3  

Vishal Shukla

Romance

तुमको ही प्यार करूँगा

तुमको ही प्यार करूँगा

1 min
276

रातों को जागना आदत बन गई है मेरी

तुम्हें याद करना फितरत बन गई है मेरी

न गुज़ारे एक ऐसा पल जिसमे तुम न हो

तुमसे प्यार करते रहना किस्मत बन गई

है मेरी


नहीं है अगर चाहत, तो थोड़ी जगाओ तुम

हमारे लिए भी प्रीत तो थोड़ी जगाओ तुम

हम ऐसे नहीं जो तुम्हें तन्हा छोड़ देंगे

मझधार में 

एक बार यकीं करके मुझपे, पास मेरे

आओ तुम


सही नहीं जाती ये बेरुखी तेरी, ये दूरियाँ

फासले मिटाना चाहता हूँ पर है बहुत

मजबूरियाँ

समर्पित किया सब कुछ तुझपे फिर भी

पता नहीं क्या कमी रह गई 

आज भी टाला करती हो मुझे, समझा

दो क्या है यह नाराज़गी


चाहे रहूँ मैं किसी भी कोने में इस दुनिया के 

प्यार तुम को ही हमेशा करता रहूँगा 

उलझन है तुम्हें - मुझे नहीं 

अकेले रह के भी मन मे तेरी मूरत को

पूजता रहूँगा


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance