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Vishal Shukla

Romance

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Vishal Shukla

Romance

पूछो अपने मान को

पूछो अपने मान को

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किशन बन गया हूँ मैं, बना के तुम्हें अपनी राधा

रह न जाये यह ज़िन्दगी में, प्यार तुमसे आधा

समझ गया बातों से वो भावनाए नहीं है तुममे मुझसे प्यार की

पर दिल को पूछो अपने, क्या यही था अपना इरादा ?


चाहे अबाध प्यार करूँ मैं तुमसे

चाहे यह जान न्योछावर करूं मैं तुमपे

नहीं मांगूंगा मैं तुमसे कुछ भी, तेरी मर्ज़ी के बगैर 

चाहे इंतज़ार करूं मैं ताज़िन्दगी और मरता रहूं मैं तुमपे।


तुमने अपना प्यार कर लिया, मैंने भी कर लिया

तुमको ज़िन्दगी बना बैठा हूँ तुमको बोल कर पिया 

पीना नहीं, जीना है मुझे , साथ तुम्हारे गुज़ारनी है यह ज़िन्दगी

दिल-जिगर-जान और अपना सब कुछ, मन से तुम्हें दे दिया।


न हो आज तुम्हें मुझसे प्यार, पर एक बार अपने मन से बोलो

एक बार सोच के अपने लिए, मेरे लिए प्यार का दरवाज़ा खोलो 

बेहतर नहीं पाओगी ज़िन्दगी तुम कहीं मेरे सिवा

यह वादा है मेरा, एक बार हाथ मेरा थाम के चलो।


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