तुम हंसो ऐसे (क्वी शिवनारायण जौहरी विमल आयु ९५सा
तुम हंसो ऐसे (क्वी शिवनारायण जौहरी विमल आयु ९५सा
तुम हंसो जैसे कि संध्या का सितारा
तुम हंसो जैसे ऊषा का पर्व प्यारा
मुस्कुराओ यूं कि ज्यूं रसधार बरसे
प्यार का उपवन अभी कुछ और सरसै
रंग बिखर जाये विजन बन बल्लरी पर
कोष किसलय के खिलें तेरी हंसी पर
खिलखिलाओ ज्यों कि गंगा का किनारा
जब मचल जाए हरा हो प्रांत सारा
तुम हंसो जैसे कि संध्या का सितारा
यह अमा कट जाए ऐसे शर चला दो
चांदनी की गोद में सबको सुला दो
आज मादकता निखर आए हवा में
आज परिमल सा बिखर जाए फिजा में
आज दो हर थके पंथी को सहारा
आज फिर दो मौन वंशी को इशारा
तुम हंसो जैसे कि संध्या का सितारा।।।