होली
होली
साजन बिन होली भाती नहीं
अबीर गुलाल के रंग
मन को लुभाते नहीं
पैरों में घुंघरू बंधते नहीं
दिलों के तार बजते नहीं
कोई राग सजते नहीं
तुम्हारे आने की आहट में
होती हैं पातियां सतरंगी
देती हैं साजन के आने संकेत
होता मधुर क्षणों का है आभास
मेरे साजन तुम साथ हो
तो होली है प्रतिदिन
अन्यथा तो नीरस ही
सब रंगरलियां हैं।।
