चलो चलें सूरज के गांव ३ कवीश्री शिवनारायण जौहरी वि
चलो चलें सूरज के गांव ३ कवीश्री शिवनारायण जौहरी वि
मन का बल आस्था
की गोद में नहाए
पीले परिधानों से
चेतना सजाए
हर पल को जीवन दें
और भूल जाएं
अपनी हर सांस लिखें
खुशियों के नाम
चलो चलें सूरज के गांव।
जन-जन में अपनापन
पहिचाने झांक लें
दुनिया के दर्द सभी
खुशियों से ढांक लें
चंदन का लेप करें
हर पीड़ा आंक लें
आज करें हम तुम
बस इतना ही काम।।।