सूर्य पुत्र,सर्प,लो आगयी बरसात
सूर्य पुत्र,सर्प,लो आगयी बरसात
कवी-श्री शिवनारायण जौहरी विमल
(प्रमुख विधि सचिव, स्वतंत्रता सेनानी)
सूर्य पुत्र की त्रासदी
नहीं मिला था उसे मां के का चुंबन
दूध की एक बूंद न एक बूँद आंसू की
बदनामी के डर ने सुखायामाँ की आँख का पानी
कभी नही किसी से पूछी कुशल
छत्रिय राजकुमार सूर्य पुत्र की अपमानित ज़िन्दगी जीता रहा
युद्ध के अंतिम पडाव परसेनापती कर्ण से वही माँ
कनिष्ट भ्राता पांडवों के लिएअभय दान माँगने आई
और लेगई सरक्षा कवच उतरवा कर
दानी कर्ण आसुरक्षित रह गया
श्राप से गुरु के कवच के बिना
रणभूमि में निहत्ता ही मारा गया।।।
श्री शिवनारायण जौहरी विमल
२४/ डी के देवस्थली फेज टू
बाबडिया कला रोड
दाना पानी रेस्टोरेंट के पास
भोपाल मध्यप्रदेश
