कि तुम थाम कर मेरा हाथ अपने हाथों में सदा रहोगी आकर थोड़ा और करीब मेरे सदा ! कि तुम थाम कर मेरा हाथ अपने हाथों में सदा रहोगी आकर थोड़ा और करीब मेरे सदा !
किसी ने शायरी तो, किसी ने गजलें लिखी हैं। किसी ने शायरी तो, किसी ने गजलें लिखी हैं।
उपहासों के घूंटों को, रख मन मे बढ़ता चला, पथिक जो कभी ना रुका। उपहासों के घूंटों को, रख मन मे बढ़ता चला, पथिक जो कभी ना रुका।
संभाले रखना नेह के रिश्ते की यह पोटली। संभाले रखना नेह के रिश्ते की यह पोटली।
बांसुरी से निकलने वाली धून तो सबने सुनी पर बांसुरी क्या कहती कहती है ये बताती हुई कविता बांसुरी से निकलने वाली धून तो सबने सुनी पर बांसुरी क्या कहती कहती है ये बताती हु...
बहुरंगी हों रंग तभी संसार नयन को भी भाए।। बहुरंगी हों रंग तभी संसार नयन को भी भाए।।