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S Ram Verma

Abstract

3  

S Ram Verma

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एक वादा करो !

एक वादा करो !

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तुम..आज एक वादा करो मुझसे..

कि तुम यु ही अपनी आँखों कि गहराई में 

मेरी पूरी कायनात समाये रखोगी सदा !


तुम..आज एक वादा करो मुझसे..

कि जब कभी मैं अकेला बैठा मिलूं तुम्हे 

तो तुम चुपचाप पीठ पीछे आकर मेरी 


आँखें बंद कर पूछोगी की बोलो कौन हूँ मैं सदा ! 

तुम..आज एक वादा करो मुझसे..

कि तुम यु ही अपनी गोलाकार बाँहों के घेरे में 


मेरी तनहाइयों को गुम करती रहोगी सदा !

तुम..आज एक वादा करो मुझसे..

कि उम्र के उस पड़ाव में भी तुम यूँ ही मेरी 


ऊर्जा बनकर बहोगी मेरी रक्त कोशिकाओं में

जिस उम्र में अक्सर जीवन नीरस सा लगता है ! 

तुम..आज एक वादा करो मुझसे..


कि यु ही मेरा सारा दुःख दर्द और गुस्सा 

कही खोता रहेगा पाकर के साथ तुम्हारा सदा !


तुम..आज एक वादा करो मुझसे..

कि तुम थाम कर मेरा हाथ अपने हाथों में 

सदा रहोगी आकर थोड़ा और करीब मेरे सदा !


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