तुम भी आओ ना
तुम भी आओ ना
मेरी खुशियों के साथी
आयी होली तुम भी आओ ना,
बावरी बरसात की मैं
फागुन खेलने आयी,
कोना कोना छान लिया
खोज लिया भीतर भी,
कहाँ छुपा बैठा है
ओ मेरे हरजाई।
नदियों की कल-कल से पूछा
भँवरे की गूँजन से पूछा ,
चूम रही हर चौखट जिस पर
कदम कदम जिधर तू गुज़रा
लाल गुलाबी नीला पीला
रंगों की बौछारें लाई
दिल के सतरंगी हर रंग में
मिले जो रंग चाहत के तेरे,
मल दूँ गाल गुलाबी मेरे
टेशू लाल केसरिया महके,
वासंती हाथों में मसले
पंखुड़ियों की बारिश कर दे ,
बीते मेरा फागुन बिरहा में
होली मेरी तेरी प्रीत से भर दे।

