तुझे रातों में जगाना है
तुझे रातों में जगाना है
तुझे पास बैठाना है,
और कुछ गुनगुनाना है,
तुझे दिन में सताना है,
रातों में जगाना है।
आज मौसम भी सुहाना है,
तेरे ख्वाब में आना है,
ना चाह के भी फिर से,
तुझे एक बार रुलाना है।
कुछ बात नई भी है,
कुछ किस्सा पुराना है,
कुछ भूल गया है तू,
कुछ याद दिलाना है।
कभी हँसना-हँसाना है,
तो कभी बस मुस्कुराना है,
कभी तुझको मनाना है,
तो कभी खुद रूठ जाना है।
कभी तुझे दिल में बसाना है,
तो कभी तुझे भूल जाना है,
तेरे पास आके भी,
अब दूर हो जाना है।
अब खुद को मिटाने का,
ये अच्छा बहाना है।

